MP भाजपा के खिलाफ खड़े हो गए हैं नौकरशाह

भोपाल। मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता से बेदखल हुई भाजपा के खिलाफ इन दिनों दो-दो मोर्चे खुले हुए हैं। राजगढ़ जिले के थप्पड़कांड के खिलाफ हल्ला बोलने निकली भाजपा की सियासी लड़ाई तो कमलनाथ सरकार के खिलाफ चल ही रही है, पर पार्टी नेताओं के बचकाने बयान से उसे दूसरे मोर्चे पर नौकरशाहों का विरोध ङोलना पड़ रहा है। राजगढ़ की महिला कलेक्टर के खिलाफ पूर्व राज्य मंत्री बद्रीलाल यादव और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के आपत्तिजनक बयानों ने भाजपा को ही बैकफुट पर ला दिया है। इस मामले में कमलनाथ सरकार अपनी कूटनीति में सफल रही।


मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा दिए गए फ्री हैंड से सारी अफसरशाही भाजपा के खिलाफ खड़ी हो गई है।प्रदेशाध्यक्ष के पद को लेकर पार्टी के ही नेताओं के बीच अंदरूनी सियासत चल रही है। इस बीच कांग्रेस सरकार से लड़ाई में वह जितने कदम आगे बढ़ती है, नेताओं की बदजुबानी से उसे उतना ही पीछे हटना पड़ता है। दरअसल, कांग्रेस सरकार ने जब से माफिया और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया, तभी से अफसरशाही के साथ भाजपा के संबंध बिगड़े। अब राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने भाजपा कार्यकर्ताओं को थप्पड़ क्या जड़े, अफसरशाही के साथ भाजपा का नया पंगा खड़ा हो गया।


राजगढ़ में 22 जनवरी को मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने जो भाषणबाजी की, उससे अफसरशाही आगबबूला हो गई। भार्गव ने कहा था कि ‘अरे मेडम, जिस संविधान के तहत यूपीएससी से आपकी नियुक्ति हुई है, उसी संविधान संशोधन का औचित्य हमारे कार्यकर्ता समझा रहे थे। ये संविधान नहीं होता तो आप घर में बैठकर रोटी बना रही होतीं, चूल्हा-चौका कर रही होतीं।’ इस बयान ने अफसरशाही को ‘लाल’़ कर दिया। उधर, बद्रीलाल यादव की अशोभनीय टिप्पणी ने आग में घी का काम किया। उनका बयान महिलाओं के बीच में भी अच्छा नहीं माना गया।आइएएस अफसरों ने खूब निकाली भड़ास : थप्पड़ कांड के बाद सोशल मीडिया पर भी आइएएस अफसरों ने खूब भड़ास निकाली।


उन्होंने नेताओं को डकैत और घपलेबाज तक कहा। आइएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष आइसीपी केसरी ने प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती को पत्र लिखकर नाराजगी जताई। इसके बाद से भाजपा और अफसरों में खटास और बढ़ गई।